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cold storage subsidy scheme

कोल्ड स्टोरेज योजना में सरकारी सहायता पच्चास प्रतिशत तक

कोल्ड स्टोरेज योजना में सरकारी सहायता पच्चास प्रतिशत तक

हर साल भण्डारण की सुविधा नहीं होने के कारण किसानों के लाखों करोड़ों का कृषि उत्पाद नष्ट हो जाता है. किसानों को ही इसका खामियाजा उठाना पड़ता है और काफी आर्थिक क्षति होती है. विगत वर्ष देश के कई क्षेत्रों में किसानों को फल सब्जियां औने पौने दाम में बेचना पड़ा और कई जगहों पर प्याज, टमाटर सहित अन्य फल और सब्जियों को नाले और कूड़े पर फेंकते देखा गया था. इस बर्बादी को बचाने और किसानों के कृषि उत्पाद के सही ढंग से भण्डारण के लिए केंद्र सरकार एक योजना लाई है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके. इस योजना का नाम है एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture (MIDH)).

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत कोल्ड स्टोरेज अनुदान

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) खोलने के लिए सरकार किसानों को 50 फीसदी अनुदान देती है. कृषि व किसान कल्याण विभाग, बागवानी के एकीकृत विकास मिशन (एमआईडीएच) के माध्यम से कोल्ड स्टोरेज की स्थापना सहित विभिन्न बागवानी के कार्यों के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है.

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कोल्ड स्टोरेज के लिए सब्सिडी

किसानों में यह भ्रम होता है की कोल्ड स्टोरेज के लिए सरकार लोन देती है. लेकिन यहाँ स्पष्ट करना जरूरी है की सरकार कोल्ड स्टोरेज के लिए कोइ लोन नहीं देती है. इसके लिए क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी (Credit Linked Back Ended Subsidy) दी जाती है. इस सब्सिडी में भी क्षेत्रवार अंतर होता है. मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए सब्सिडी में भिन्नता होती है. मैदानी क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाती है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में परियोजना लागत के 50 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाती है. पूर्वोत्तर इलाकों में एक हजार मीट्रिक टन से ज्यादा क्षमता वाली परियोजना को भी सब्सिडी का लाभ दिया जाता है.

कोल्ड स्टोरेज के लिए कितना मिलता है अनुदान ?

  • 15 लाख रुपए तक के कोल्ड रूम (स्टेंटिक) यूनिट के लागत पर 5.25 लाख रुपए
  • कोल्ड स्टोरेज टाइप 1 यूनिट लागत 4 करोड़ रुपए पर 1.40 करोड़ रुपए
  • कोल्ड स्टोरेज टाइप-1 (अनुसूचित क्षेत्र) लागत 4 करोड़ रुपए पर 2 करोड़ रुपए
  • कोल्ड स्टोरेज टाइप-2 (वैकल्पिक प्रौद्योगिकी सामान्य क्षेत्र) लागत 35 लाख रुपए पर 12.25 लाख रुपए


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कोल्ड स्टोरेज के लिए पात्रता

  • किसान व्यक्ति,उपभोक्ताओं/उत्पादकों का समूह, किसान उत्पादक संगठन
  • स्वामित्व/ भगीदारी फर्म, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, कम्पनियाँ, निगम.
  • कृषि उत्पादन विपणन समितियां, विपणन बोर्ड/ समितियां, नगर निगम, समितियां, कृषि उद्योग निगम, सहकारी समितियां, सहकारी विपणन संघ एवं अन्य सम्बंधित अनुसंधान एवं विकास संगठन.

कोल्ड स्टोरेज के लिए कहाँ करें आवेदन ?

कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए आवेदन हेतु एकीकृत बागवानी विकास मिशन के जिला कार्यालय में पदस्थापित उप संचालक, सहायक संचालक उद्यान से बृहत् जानकारी ली जा सकती है. आवेदन प्रस्ताव जिला कार्यालय में जमा करना होगा. प्राप्त प्रस्ताव आवेदन को 'पहले आओ पहले पाओ ' के आधार पर स्वीकार किया जाता है. योजना में आवेदन के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट http://nhb.gov.in/OnlineApplication/RegistrationForm.aspx पर जाकर आवेदन किया जा सकता है.

कोल्ड स्टोरेज के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • स्व-सत्यापित पैन कार्ड/ वोटर कार्ड
  • स्व-सत्यापित आधार कार्ड
  • कम्पनी/ सोसाईटी/ ट्रस्ट/ पार्टनरशिप फर्म का पंजीकरण प्रमाण पत्र
  • एससी के लिए जाति प्रमाण पत्र और एसटी के लिए स्वप्रमाणित प्रमाण पत्र
  • व्यक्तिगत किसान के लिए परियोजना भूमि आवेदक किसान के नाम से होना आवश्यक होगा.
  • आवेदक परियोजना भूमि में संयुक्त मालिकों में से एक होगा, तो अनापत्ति प्रमाण पत्र
  • साझेदारी फर्म के लिए यदि भूमि की मल्कियत साझेदारों में से किसी एक की हो, तो भूमि मालिक साझेदार की ओर से शपथ पत्र देगा की परियोजना की जमीन वापस नहीं लेगा, बिक्री या हस्तानान्तरण नहीं करेगा.
  • भूमि पर कब्ज़ा प्रमाण पत्र
  • परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट
बिहार सरकार कोल्ड स्टोरेज खोलने पर 50% प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है

बिहार सरकार कोल्ड स्टोरेज खोलने पर 50% प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है

एकीकृत बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत राज्य में कोल्ड स्टोरेज यूनिट की स्थापना हेतु किसानों को अनुदान देने का निर्णय किया गया है। बिहार राज्य में पारंपरिक खेती समेत बागवानी फसलों का भी उत्पादन किया जाता है। बिहार राज्य के किसान सेब, अंगूर, केला, अनार, आम और अमरूद की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इससे कृषकों की आय में काफी बढ़ोत्तरी भी हुई है। परंतु, कोल्ड स्टोरेज के अभाव की वजह से किसान उतना ज्यादा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा इस परेशानी को दूर करने के लिए किसानों के फायदे हेतु बड़ा निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में बागवानी फसलों की खेती में अत्यधिक गति आएगी। साथ ही, कृषकों की आमदनी में भी इजाफा हो सकता है।

कोल्ड स्टोरेज से किसानों को काफी फायदा होगा

बिहार सरकार ऐसा मानती है, कि कोल्ड स्टोरेज होने से किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी। बाजार में कम भाव होने पर वह अपनी फसल को कोल्ड स्टोरेज में स्टोर कर सकते हैं। जैसे ही भाव में वृद्धि आएगी, वह इसको बाजार में बेच सकते हैं। इससे अच्छा भाव मिलने से किसानों की आमदनी निश्चित रूप से बढ़ेगी। वैसे भी कोल्ड स्टोर के भीतर बहुत दिनों तक खाद्य पदार्थ बेकार नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में किसान भाई हरी सब्जियों एवं फल की तुड़ाई करने के उपरांत कोल्ड स्टोरेज में रखेंगे तो फसलों का खराब होना भी कम हो पाएगा। साथ ही, काफी समय तक वह खराब नहीं होंगे।

बिहार सरकार किसानों को 4000 रुपये अनुदान स्वरूप प्रदान करेगी

बिहार सरकार द्वारा एकीकृत बागवानी मिशन योजना के चलते कोल्ड स्टोरेज यूनिट (टाइप-1) की स्थापना करने के लिए 8000 रुपये की लागत धनराशि तय की गई है। बिहार सरकार की तरफ से इसके लिए किसान भाइयों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में कृषकों को 4000 रुपये मुफ्त में प्राप्त होंगे। जो किसान भाई इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो वह कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

आम उत्पादन के मामले में बिहार कौन-से स्थान पर है

जानकारी के लिए बतादें, कि बिहार में बागवानी की खेती काफी बड़े पैमाने पर की जाती है। आम के उत्पादन के मामले में बिहार पूरे भारत में चौथे स्थान पर आता है। तो उधर लीची की पैदावार के मामले में बिहार का प्रथम स्थान पर है। मुज्फ्फरपुर की शाही लीची पूरी दुनिया में मशहूर है। बतादें, कि इसके स्वाद की कोई टक्कर नहीं है। इसके उपयोग से जूस एवं महंगी- महंगी शराबें तैयार की जाती हैं।